हररोजकी राहसे गुजर रहे थे। इसबार ऑंखे खुली थी। राह अनजान थी और सफ़र नया।
टिल्लू जोकर, राणीचा नोकर, चोरुन खातो तुपसाखर. राणी मारते छमछम छड्या, टिल्लू मारतो टुणटुण उड्या...
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Saturday, May 16, 2015
Monday, April 28, 2014
Monday, October 28, 2013
बदलाव
हवा में महल बनाने की फितरत थी हमारी,
फिर एक दिन हवानेभी रुख बदल दिया...
Monday, August 26, 2013
Wednesday, August 7, 2013
एकांत
तोः मला एकांत हवा... नि एकांतात तू.
तीः दोघांच एकटेपण दूर करण्यासाठी नाही तर दोघांचं एकटेपण एक करायला.
Wednesday, June 6, 2012
नशा
हर नशा होटों से लगाकर नही किया जाता...
कुछ जाम आँखो से ही पिया करते हैं|
कुछ जाम आँखो से ही पिया करते हैं|
- मौसम की पहली बारिश को अदा
Tuesday, May 22, 2012
ईलाज़
रोनेकी हजारों वज़ह है, हसनेकी एकभी नही। चलो... फ़िर हमने गम का ही मज़ाक बना दिया। अब हसने के लिए बहानों की कमी नही।
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